कोर्ट में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को 30 साल बाद मिला पूजा करने का अधिकार

वाराणसी कोर्ट से हिंदू पक्ष की एक बड़ी जीत हुई है ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अब ज्ञानवापी के प्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार मिला है. कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेडिंग में 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया है.
1993 के बाद कभी नहीं हुई पूजा
आपको बता दें कि ये तहखाना मस्जिद के नीचे है. अब यहां नियमित पूजा अर्चना होगी. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से पूजा अर्चना करवाई जाएगी. हिंदू पक्ष ने इसे बड़ी जीत बताया है और 30 साल बाद नन्याय मिलने का दावा किया है. नवंबर 1993 तक यहां पूजा-पाठ किया जाता था.

बता दें कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास तहखाना में पूजा पाठ करने के अधिकार देने की मांग वाली शैलेंद्र कुमार पाठक की याचिका पर कल सुनवाई के बाद जिला जज ने आदेश सुरक्षित कर लिया था.
बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. इसमें कहा गया कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं. कोर्ट का फैसला आते ही हिंदू पक्ष ने कहा कि काशी अब बम बम बोल रहा है. वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह हमारी सबसे बड़ी जीत है. मुस्लिम पक्ष के दावे को कोर्ट ने नकार दिया है, कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को 7 दिनों के भीतर पूजा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है.

ज्ञानवापी मतलब क्या होता है?
ज्ञानवापी मस्जिद जिसे कभी कभी आलमगीर मस्जिद भी कहा जाता है, वाराणसी मे स्थित एक विवादित मस्जिद है. यह मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई है. 1669 मे मुग़ल बादशाह औरंगजेब आलमगीर ने बनवाई थी ज्ञानवापी एक संस्कृत शब्द है.
ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में क्या मिला?
वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है. साथ ही अदालत ने प्रशासन को सात दिन के अंदर बैरीकेडिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. व्यास तहखाना मस्जिद के नीचे स्थित है. इसी में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं.
