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हल्द्वानी: लैंड फ्रॉड की बैठक में कमिश्नर के सख्त निर्देश! 29 मामलों में एफआईआर दर्ज…

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हल्द्वानी- मंगलवार को लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में संपन्न हुई। बैठक में कुमाऊँ मंडल के सभी जिलों के लैंड फ्रॉड के जो मामले सामने आए है उन्हें बैठक में रखा गया।

बैठक में कुल 86 मामले रखे गए जिनमें सुनवाई की। समिति द्वारा इन प्राप्त मामलों में से 29 मामलों में प्राथमिकी ( FIR ) दर्ज करने की संस्तुति की गई। 7 प्रकरण ऐसे प्राप्त हुए जिनमें आवेदकों द्वारा समिति के समक्ष अवगत कराया कि उनके साथ पूर्व में जो धोखा हुआ था या विवाद था आपसी समझौते से उनका समाधान हो गया है, कई ने अवगत कराया कि उनकी धनराशि उन्हें वापस मिल गई है, इस लिए उन्होंने कमिश्नर का धन्यवाद किया।

ऐसा ही एक प्रकरण जनपद उधमसिंह नगर से जीवन गुरुरानी का था, उन्होंने समिति को अवगत कराया कि उनकी 11300 वर्ग फीट की भूमि अर्जुन सिंह के कब्जे में थी जिस सम्बन्ध में उन्होंने पूर्व में कुमाऊँ आयुक्त को शिकायत की थी, जिसके बाद सम्बंधित व्यक्ति द्वारा उनकी भूमि से कब्ज़ा हटाकर उन्हें लौटा दी, इस हेतु उन्होंने कुमाऊँ कमिश्नर का आभार व्यक्त किया।

समिति के समक्ष ऐसे प्रकरण भी प्राप्त हुए जिसमें रजिस्ट्री करने के उपरांत विभिन्न कमियों व कारणों से दाखा नहीं चल पा रहा था ऐसे प्रकरणों के स्थाई समाधान हेतु आयुक्त कुमाऊँ ने कहा कि जो भी व्यक्ति भूमि क्रय करना चाह रहा है वह उससे पूर्व उक्त भूमि के सभी दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त करने हेतु सबंधित तहसील में आवेदन कर जानकारी प्राप्त कर लै, तभी संतुष्ट होने पर ही भूमि क्रय करें,ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार का लैंड फ्रॉड न हो इस सम्बन्ध में कमिश्नर ने कहा कि सभी जिला अधिकारियों को इस हेतु पत्र भी प्रेषित किया जाएगा कि भूमि धोखाधड़ी के मामलों में पूर्ण रोकथाम एवं साफ स्वच्छ व्यवस्था हेतु यह प्रक्रिया सभी तहसील स्तर पर लागू की जाय।

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इस दौरान विभिन्न प्रकरणों में जिनमें सम्बंधित सरकारी विभागों की स्पष्ट आख्या न होने, सही रिपोर्ट न लगने या लापरवाही के कारण भूमि धोखाधड़ी के प्रकरण होने की संभावना है इस सम्बन्ध में कमिश्नर ने ऐसे सरकारी अधिकारीयों व कार्मिकों का स्पष्टीकरण करने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में ज्यादातर प्रकरण भूमिहीन लोगों ने ही भूमि बेच देने, एक ही भूमि एक से अधिक लोगों को बेच देने,क्रय की गई भूमि पर दाखा न चलने व ऐसी भूमि की धनराशि न लौटाने समिति के समक्ष प्रमुखता से आए।

ऐसे लैंड फ्राड के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कमिश्नर ने कमेटी के अन्य सदस्यों को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने और पूरी जांच पड़ताल के साथ मामले को के निस्तारण के दिशा-निर्देश देते हुए सम्बंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान कुमाऊं कमिश्नर ने अवगत कराया कि इन मामलों में पहले तहसील स्तर से जांच भी कराई गई थी। इसके बाद कमेटी में इनको रखा गया, जिसमें से लैंड फ्रॉड के 29 मामले ऐसे पाए गए हैं, जिसमें एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि लैंड फ्रॉड मामलों में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें जांच करने की और आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में उन्होंने संबंधित अधिकारीयों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख लैंड फ्रॉड के मामलों में बस गाँव, बाजपुर, गौलापार व उधमसिंह नगर के मामले समिति के सामने आए, जिनपर आवश्यक कार्यवाही हेतु सस्तुति प्रदान की गई।

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कमिश्नर ने कहा कि FIR के बाद इन प्रकरणों में पुलिस द्वारा विवेचना कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी, ताकि ऐसे व्यक्ति को दण्डित किया जा सके।

बैठक में पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, अपर आयुक्त जे एस नगन्याल, अपर जिलाधिकारी एफ आर चौहान, अपर जिलाधिकारी रुद्रपुर अशोक जोशी, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी, जय किशन उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण उधम सिंह नगर, पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर हरीश वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी एपी बाजपेई, नगर आयुक्त हल्द्वानी ऋचा सिंह रुद्रपुर नरेश दुर्गापाल, सहायक महानिरीक्षक निबंधक सुधांशु कुमार त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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