Uncategorized

डेंगू कैसे होता है? क्या है डेंगू के बचाव? कैसे होती है डेंगू बुखार की पहचान? जाने पूरी जानकारी…

Ad

एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है. डेंगू से बचने के लिए आपको इसके मच्छरों को अपने घरों के आसपास पनपने नहीं देना होगा. पानी जमा न होने दें. कूलर आदि का पानी बदलते रहें. फुल बाजू के कपड़े पहनें और मच्छर मारने वाली कॉइल, लिक्विड या फिर मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है. डेंगू में शरीर की प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं. इसमें मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है, वरना समय पर इलाज ना मिलने के कारण मरीज की जान भी जा सकती है. डेंगू के लक्षणों को पहचानकर ही इसका इलाज किया जा सकता है. जितना हो सके आप मॉस्किटो रेपलेंट्स, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. अपने घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होने से पहले बदं कर दें.

डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है. जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटता है तो वह उस रोगी का खून चूसता है. खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर मे प्रवेश कर जाता है. मच्छर के शरीर मे डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है.

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: कमिश्नर दीपक रावत ने सुनी जन समस्याएं! जमीन धोखाधड़ी के मामलों पर सख्त रुख..

डेंगू बुखार की पहचान क्या है?
घातक डेंगू के लक्षण डेंगू की शुरुआत तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और भूख ना लगने जैसे लक्षणों से होती है. कई दिनों के बाद, आमतौर पर 3-7 दिनों के बाद मरीज में गंभीर डेंगू के लक्षण आ सकते हैं.

डेंगू बुखार में कौन सा फल खाया जाता है?
लिम्फोसाइट उत्पादन को प्रोत्साहित करने और शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए, डेंगू रोगियों को ताजे फलों के रस के रूप में लिक्विड डायट को बढ़ाना चाहिए, जैसे कि कीवी, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, तरबूज और विटामिन सी से भरपूर अन्य फल.

डेंगू में नारियल पानी पीने से क्या होता है?
नारियल पानी और कीवी फल प्लेटलेट बढ़ाता है, डेंगू मरीजों के लिए लाभकारी है, डिमांड तेज डेंगू व टायफाइड में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं जिससे जान जाने का खतरा बन जाता है. प्लेटलेट्स बढ़ाने में हरे नारियल का पानी कीवी फल व बकरी का दूध बहुत ही सहायक माना गया है.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड: बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थी के लिए स्क्रूटनी फॉर्म भरने की डेट जारी! ऐसे करें आवेदन..

डेंगू मरीजों के लिए कहां-कहां बनाए गए वार्ड?
डेंगू के उपचार के लिए कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी और सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाए गए हैं, जिसमें सुशीला तिवारी अस्पताल में 40 से 50 बेड का वार्ड बनाया गया है, तो वहीं सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में भी 20 से अधिक संख्या वाला डेंगू वार्ड तैयार किया गया है.

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0