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श्रमिक कार्ड कैसे बनवाएं? क्या-क्या इसके फायदे हैं? सरकार द्वारा क्या-क्या मिलता है लाभ…

उत्तराखण्ड में श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं बनाई गई है. भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 के प्राविधानों के अन्तर्गत पंजीकृति पात्र कामगारों तथा मनरेगा में नियोमित निर्माण श्रमिकों हेंतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं श्रमिकों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण होना आवश्यक है. पंजीकरण के लिए श्रमिक अपना आधार कार्ड, दो फोटो, बचत या जनधन बैंक खाते की पासबुक, मोबाइल नंबर लेकर श्रम विभाग जाना होगा.

उत्तराखंड राज्य ने श्रमिको को अलग अलग योजनाओ के रूप में लाभ दिया जाता है. श्रमिक से सम्बंधित योजना का लाभ लेने के लिए आपको श्रमिक कार्ड बनवाना यानि की श्रमिक पंजीकरण करवाना अनिवार्य है इसके बिना आप श्रमिक वर्ग के लिए चल रही योजनाओं का लाभ नही ले सकते. इस कार्ड के माध्यम से श्रमिको को उनके लिए चलाई गयी योजनाओ का लाभ सीधा उनके खाते में दिया जायेगा. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम के तहत पंजीकृत श्रमिको को उनके बेहतर भविष्य के लिए लाभ दिया जाता है. तथा श्रमिक कार्ड के माध्यम से बहुत सारी योजनाये चलाई गयी है जिनका लाभ श्रमिको को दिया जाता है. अगर आप भी एक श्रमिक है और श्रमिक वर्ग को मिलने वाली योजनाओ का लाभ लेना चाहते हो तो अभी भी श्रमिक कार्ड बना सकते है.

उत्तराखंड श्रमिक कार्ड बनवाने हेतु योग्यता
आवेदनकर्ता की उम्र 18-59 वर्ष के बीच में होनी चाहिए औरश्रमिक उत्तराखंड का मूल निवासी होना चाहिए साथ ही लाभार्थी के पास आधार कार्ड होना चाहिए. आवेदन से आपके द्वारा किया गया 90 दिन का कार्य यानि की आपके पिछले एक वर्ष में 90 दिवस निर्माण श्रमिक होने का प्रमाण पत्र होना आवशयक है.

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उत्तराखंड श्रमिक कार्ड पंजीकरण आवश्यक दस्तावेज़-
अगर आप भी उत्तराखंड के निवासी हो और आप भी श्रमिक वर्ग के अंतर्गत आते तो तथा श्रमिक पंजीकरण करवाना चाहते हो तो आपके पास यह दस्तावेज़ होने अनिवार्य है.

1.आवेदक का आधार कार्ड
2.आवेदक के पास उत्तराखंड के किसी भी जिले का मूल निवास प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है.
3.बैंक खाते के पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रति

  1. राशन कार्ड
  2. पासपोर्ट साइज़ फोटो
  3. मोबाइल नंबर
  4. आवेदक के पिछले 12 माह में 90 दिवस श्रमिक के रूप में कार्य करने का प्रमाण पत्र.

श्रमिक कार्ड से क्या क्या लाभ होता है ?

दुर्घटना बीमा योजना – इस योजना के अंतर्गत अगर किसी श्रमिक धारक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो सरकार उसके परिवार वालो को 2 लाख रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान करते है यदि वो विकलांग हो जाता है तो उसके ईलाज के लिए 30000 रूपए की मदद करती है.

घर निर्माण के लिए सहायता – इसके अंतर्गत सरकार इच्छुक श्रमिक कार्ड धारक को घर बनाने के लिए बहुत कम ब्याज पर लोन देता है.

बेटी विवाह – सरकार देश के सभी श्रमिक कार्ड धारक को बेटी की विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते है इस योजना के अंतर्गत हर राज्य में कम ज्यादा सहायता राशि प्रदान करते है.

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शिक्षा सहायता योजना – इसके अंतर्गत सरकार सभी श्रमिक कार्ड धारक की बेटी को पहली कक्षा से लेकर 12 वी कक्षा तक की पढाई का खर्चा सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा.

स्वास्थय बीमा योजना – इस योजना के अंतर्गत अगर श्रमिक कार्ड धारक किसी बड़े बीमारी से पीड़ित हो जाता है तो उसका मुफ्त में ईलाज़ किया जायेगा.

मातृत्व सहायता योजना – इसके अंतर्गत सरकार गर्भवती महिला को उचित पोषण एवं बच्चे की देखभाल के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते है.

मासिक भत्ता – देश के कई राज्यों में राज्य सरकार द्वारा सभी श्रमिक कार्ड धारक को हर महीने 1000 रूपए पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करते है भविष्य में ये नियम सभी राज्यों में लागु हो सकता है.

साइकिल सहायता योजना – इसके अंतर्गत बहुत से राज्यों में सरकार द्वारा श्रमिक को काम में जाने में कोई परेशानी ना हो इसलिए साइकिल प्रदान की जाती है.

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