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नवरात्र : 9 दिन यह भोग लगाने से मां दुर्गा देती हैं अपार धन और ऐश्वर्य…

शारदीय नवरात्र में मां के नो रूपों की पूजा करने से मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मन इच्छुक वरदान देती हैं। क्योंकि हिन्दू धर्म में नवरात्र का व्रत का विशेष महत्व है। इस बार 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक नवरात्र का पर्व मनाया जा रहा है। इसमें जो भी भक्त मां दुर्गा के नो रूपों की पूजा अर्चना कर उनको नो दिन भोग प्रसाद लगाता है। उसकी सभी मनोकामनाएं मां पूरी करती है। तो आइए आपको बताते हैं कि मां को किस तरह के भोग प्रसाद लगाने से मां भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती है।

नवरात्र के पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन मां को गाय के घी भोग लगाने चाहिए। इससे आरोग्य लाभ की प्राप्ति होती है।

नवरात्र के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन जगत जननी को शक्कर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से चिरायु का वरदान मिलता है।

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नवरात्र के तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन माता को दूध का भोग चढ़ाएं और उसे जरूरतमंद को दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।

नवरात्र के चौथे दिन मां के चतुर्थ स्वरूप कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन माता को मालपुआ का नैवेध अर्पण करना चाहिए और उसे जरूरतमंद को दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से मनोबल बढ़ता है।

नवरात्र के पांचवे दिन मां के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन जगत जननी को केले का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है।

नवरात्र के छठवें दिन मां के षष्टम स्वरूप कात्यानी की पूजा होती है। इस दिन मां भवानी को शहद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है।

नवरात्र के सातवें दिन मां के सप्तम स्वरूप कालरात्रि की पूजा होती है। इस दिन मां भवानी को गुड़ से निर्मित भोग अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से शोक से मुक्ति मिलती है।

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नवरात्र के आठवें दिन मां के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन माता को नारियल का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

नवरात्र के नौवें दिन मां के नवम् स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन माता को घर में बने हुए हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति मिलती है।

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