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दो दरोगाओं पर लगा छेड़खानी का आरोप! सस्पेंड…

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देवभूमि उत्तराखंड से फिर एक और ऐसा मामला सामने आया है जिसने खाकी पर सवालिया निशान उठाए हैं। मित्र पुलिस की छवि को खराब करने वाले दो दरोगाओं पर सख्त कार्रवाई की गई है। डीजीपी अभिनव कुमार ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी भी पुलिस कर्मी पर महिलाओं से दुर्व्यवहार सामने आया तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद दो दारोगाओं को सस्पेंड किया गया है।

जानकारी के मुताबिक एक महिला ने जिला रुद्रप्रयाग में तैनात चौकी इंचार्ज और एक दरोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

महिला ने आरोप लगाया है कि रुद्रप्रयाग चौकी की महिला पुलिस कैंप मे रोक कर शराब के नशे‌ में दरोगा द्वारा छेड़छाड़ के साथ ही अभद्रता‌ की गई है। साथ ही महिला ने चौकी इंचार्ज पर भी महिला पुलिस कैंप का दरवाजा बंद करने का आरोप लगाया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामला‌ एक साल पहले का है। मध्यप्रदेश निवासी एक महिला ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर बताया कि वह बीते साल 26 मई को पैदल उत्तराखंड केदारनाथ दर्शन के लिए आई थी। दर्शन के बाद उसको हेलीकाप्टर से वापस आना था। लेकिन मौसम  बिगड़ने की वजह से हेलीकाप्टर सेवा बंद हो गई। जिस कारण उसने वहीं रुकने का मन बनाया।

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उस दौरान महिला होटल तलाश करने लगी, लेकिन होटल खाली ना मिलने पर उसने चौकी प्रभारी केदारनाथ अंजुल रावत से संपर्क किया। चौकी प्रभारी ने उनको महिला पुलिस कैंप में रुकने को कहा और आश्वासन दिया कि उनके साथ एक महिला कांस्टेबल भी रुकेगी।

लेकिन देर रात तक कोई महिला कांस्टेबल वहां नहीं आई। जिसके बाद शराब के नशे मे दरोगा कुलदीप सिंह ने उनके साथ गंदी हरकते की। आरोप है कि जब महिला ने अपने परिजनों को फोन मिलाने का प्रयास किया तो कुलदीप महिला के साथ जोर जबरजस्ती करने लगा और चौकी प्रभारी अंजुल रावत ने बाहर से महिला कैंप का दरवाजा बंद कर दिया। जिसके बाद बड़ी मुश्किल से महिला ने कैंप से बाहर निकल कर अपनी जान बचाई।

वहीं सोनप्रयाग पुलिस ने मंजुल रावत व कुलदीप सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ की धराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही दोनों को ससपेंड भी कर दिया गया है। एसपी विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि अपराधी बाहर का हो या घर का पुलिस इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी।

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सूत्रों के मुताबिक महिला ने घटना की शिकायत रुद्रप्रयाग पुलिस को नहीं दी। जबकि उसने अपने घर लौटकर उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन और डीजीपी को शिकायत पहुंचाई। इधर, पुलिस के अनुसार महिला द्वारा जो नाम बताए गए वे कुछ अलग थे। जिससे जांच में ज्यादा समय लगा। अब बाद में पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच की। तब जाकर यह कार्रवाई की गई है।

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