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उत्तराखंड : कांग्रेस नेता भी हुए चंद्रयान की कामयाबी के फैन! दिल खोलकर दी बधाई! बड़े दिन नेहरू-इंदिरा की आई याद…

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चंद्रयान -3 मिशन को कामयाबी भले ही पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान मिली हो लेकिन कांग्रेस नेता इस सफलता की जमकर देश और वैज्ञानिकों को बधाई दे रहे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं ने खुलकर सोशल मीडिया में मिशन की तारीफ की है।

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के स्थाई सदस्य और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुछ इस अंदाज में चंद्रयान की सफलता पर बधाई दी है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया में लिखा है..”चांद पर भारत ने लहराया तिरंगा! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तीसरा चंद्र मिशन, चंद्रयान- 3 की चांद पर दक्षिणी ध्रुव में सफल लैंडिंग के लिए देश के सभी वैज्ञानिकों, ISRO की पूरी टीम व भारत वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। जय हिंद-जय भारत”

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी चंद्रयान की सफलता का पूरा श्रेय देश के महान वैज्ञानिकों को दिया है। जबकि पूर्व पीसीसी चीफ गणेश गोदियाल ने सफलता के लिए बधाई दी है।

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हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए कुछ इस तरह बधाई दी। सुमित ने लिखा…”1962 में शुरू हुए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने आज चंद्रयान- 3 के रूप में एक नई ऊंचाई तय की। पूरा देश आज भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की इस गौरवशाली यात्रा पर गर्व महसूस कर रहा है। सभी देशवासियों के लिए खुशी का क्षण है। ISRO के सभी वैज्ञानिकों व देशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं।

पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने लिखा कि ” चंद्रयान- 3 की चांद की सतह पर हुई सुरक्षित लैंडिंग, भारत ने रचा इतिहास, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बना भारत। चंद्रयान- मिशन की सफलता पर सभी देशवासियों एवं इसरो के वैज्ञानिकों की पूरी टीम को हार्दिक बधाई। जय हिन्द!

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने लिखा…देश के लिए गर्व के क्षण है इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। 15 अगस्त 1969 के दिन इसरो की स्थापना हुई है। लौह महिला, भारत की प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी जी के नेतृत्व में इसरो की स्थापना हुई थी।श्रीमती इंदिरा गांधी जी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वं. पंडित नेहरू जी ने जो एक पौधा लगाया था। अब वो वटवृक्ष बन चुका है और पूरे विश्व में भारतीय बुद्धिमत्ता का लौहा मनवा रहा है। आज जब हम इसरो की इस सफलता का जश्न मना रहें , इसमें महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई , पंडित नेहरू जी और श्रीमती इंदिरा गांधी जी की दूरदृष्टि का योगदान भी महत्वपूर्ण हैं।

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