उत्तराखण्डहल्द्वानी

रक्षाबंधन 30 या 31 अगस्त किस दिन मनाया जाएगा? आपको भी है कंफ्यूजन? तो पढ़िए यह खबर

वीरेंद्र पाल हल्द्वानी- राज्य में पिछले कई सालों से त्यौहारों की तिथियों को लेकर संशय की स्थिति पैदा हो रही है. कई त्यौहार दो दिन मनाए जा रहे हैं. लोग अपने-अपने हिसाब से संस्कृत महाविद्या इन्हें मना रहे हैं. इस बार रक्षाबंधन की तिथि को लेकर भी लोगों में संशय बना है कि त्यौहार 30 को मनाया जाएगा या 31 अगस्त को. 30 अगस्त को पूरे दिन भद्र होने के कारण 31 अगस्त को इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा.

पंडित पंकज जोशी का कहना है कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रक्षा बंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. वैसे तो भारत में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन रक्षा बंधन का एक अलग ही महत्व है. हर साल यह त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं भाई भी बहन को प्रेम रूपी रक्षा सूत्र बांधकर जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन लेते हैं. रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है, जो मनाया तो सिर्फ एक दिन जाता है, लेकिन इससे बनने वाले रिश्ते जीवनभर कायम रहते हैं. हालांकि, इस साल भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन एक नहीं बल्कि दो दिन मनाया जा रहा है. जानिए क्या है इसका कारण और किस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी.

रक्षाबंधन का शुभ समय

भद्राकाल 30 अगस्त को रात 9 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। दूसरी ओर सावन माह की पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. ऐसे में राखी बांधने का शुभ समय 30 अगस्त की रात 9 बजकर 03 मिनट से लेकर 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक रहेगा.

भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी?

ऐसा कहा जाता है कि शूर्पणखा ने भाद्र काल में अपने भाई रावण को राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण के पूरे वंश का विनाश हो गया. इसलिए माना जाता है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. यह भी कहा जाता है कि भद्रा में राखी बांधने से भाई की उम्र कम हो जाती है.

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