एक टेस्ट ने दिलाई बलात्कारी को सजा!
हल्द्वानी- कहते हैं कानून के हाथ बड़े लंबे होते हैं। और ये कहावत फिट बैठी है उत्तराखंड के रामनगर में हुई एक घटना में। जिसमें गवाह से लेकर पीड़ित तक अपने बयानों से मुकर गए। लेकिन फिर भी अपराधी को कोर्ट ने सजा सुना दी।
दरअसल साल 2020 में रामनगर में एक केस दर्ज हुआ था। जिसमें 13 साल लड़की से दुष्कर्म की शिकायत हुई थी। लोक सेवा अभियोजन पॉक्सो कोर्ट नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि 11 अक्तूबर 2020 को रामनगर के रहने वाले व्यक्ति ने 13 वर्षीय बेटी से दुष्कर्म की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई। आरोप था कि जब उनकी बेटी दुकान पर सामान लेने जा रही थी, तभी इलाके में हीं नाई की दुकान चलाने वाले नावेद ने बेटी को बुलाया और दुष्कर्म कर फरार हो गया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने किशोरी की उसी दिन मेडिकल जांच कराई। मामले की सुनवाई शुरू। हुई तो दवाब में आकर किशोरी और उसका परिवार घटना से मुकर गए। पीड़िता ने कोर्ट में अपने साथ घटना न होने की बात कह डाली। वहीं अधिवक्ता जोशी ने पीड़िता को मेडिकल रिपोर्ट पुलिस व फॉरेंसिक टीम के जुटाए नमूनों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया। जिससे आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुना डाली।
युवक को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नंदन सिंह राणा की कोर्ट ने 10 साल कैद और 20 हजार जुर्माने की भी सजा सुनाई है। गौरतलब है कि मामले में आरोपी को सजा पीड़िता के बयान पर नहीं बल्कि मेडिकल और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनाई है।