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लंबे राजनीतिक संघर्ष के बाद मिला अनिल बलूनी को टिकट! जानें सियासी सफर…

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देहरादून- बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को लंबे राजनीतिक सफर के बाद उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। लेकिन बीजेपी प्रत्याशी बनते ही बलूनी के विरोधी उन्हें बाहरी और दिल्ली वाला कह कर निशाना बना रहे हैं। जबकि हकीकत इससे परे है। बलूनी का लंबा राजनीतिक संघर्ष रहा है। वो भी उत्तराखंड की जमीन पर। उनका उत्तराखंड में पैदा होने से लेकर पढ़ाई और फिर राजनीतिक जमीन तलाशने तक का जन्मजात संबंध रहा है।

जानकार मानते हैं कि अनिल बलूनी उत्तराखंड के ही है और हमेशा उन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए काम किया है। जानकारी के मुताबिक 2 दिसम्बर, 1970 को जन्मे अनिल बलूनी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी गढ़वाल से की। उसके बाद वह पढ़ाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय चले गए। जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की। और फिर पत्रकारिता में सक्रिय हो गए। साल 1993 से लेकर 1998 तक देश के कई नामी संस्थानों में उन्होंने पत्रकारिता की।

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1993 से संघ के नेताओं से जुड़े

जानकार बताते हैं कि पत्रकारिता करते हुए 1093 से बलूनी जनसंघ के संस्थापकों में एक रहे सुंदर सिंह भंडारी के संपर्क में आए। साल 1998 में अनिल बलूनी ने बीजेपी की सदस्यता लेकर सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। उसके बाद उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां मिलती रही। जिसको वह निभाते हुए उत्तराखंड के विकास के लिए काम करते रहे।

बलूनी ने दिल्ली और लखनऊ से उत्तराखंड के शहरों को रेल मार्ग से जोड़ने समेत उत्तराखंड को पहला इंटरनेट एक्सचेंज, लैंसडौन (पौड़ी), सुरकंडा (टिहरी) और मुक्तेश्वर (नैनीताल) में डॉप्लर रडार की स्थापना और सीमांत क्षेत्रों में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के अस्पतालों में स्थानीय लोगों को ओपीडी सुविधा दिलाने की पहल को लेकर कई काम उत्तराखंड के लिए किए हैं।

बलूनी का सियासी सफर…

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1998 में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। जिसके बाद साल 2000 में भाजपा युवा मोर्चा के उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री बने। 2005 में कोटद्वार में उपचुनाव लड़े लेकिन हार मिली। 2009 में उत्तराखंड की रमेश पोखरियाल निशंक सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे। 2012 में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी मिली। 2014 में पीएम मोदी की लोकसभा सीट बनारस में मीडिया प्रबंधन की अहम जिम्मेदारी निभाई और उसके बाद ही 2015 से राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी बने रहे और 2018 में राज्यसभा सांसद बने।

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