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मंडल की विभागीय समीक्षा बैठक में कमिश्नर ने दिए वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए प्लान बनाने के निर्देश

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नैनीताल- कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत ने मंगलवार को नैनीताल क्लब में कुमाऊं मंडल की विभागीय समीक्षा बैठक की। जिसमें मुख्य रूप से जिला योजना, 20 सूत्रीय, जल जीवन मिशन,10.00 करोड़ से अधिक के लागत कार्य, जिला स्तर पर लंबित वन भूमि प्रकरण, मंडल के अंतर्गत वन्य जीव संघर्ष के प्रकरण और 2023 में कितनी वन विभाग में आगजनी की घटना और आगजनी घटनाओं को रोकने हेतु प्रयास आदि पर चर्चा और विभागीय समीक्षा की गई। साथ ही कमिश्नर ने राज्य सेक्टर, केंद्र पोषित, वाह्य सहायतित योजना के तहत आय व्यय की जानकारी ली।

कमिश्नर ने 2023-24 में वन्य जीव संघर्ष के प्रकरण के तहत घायल- मृत्यु और उपलब्ध धनराशि की जिलावार समीक्षा की। जिसमें अधिकारियों ने बताया विगत वर्ष से अब तक वन्य जीव संघर्ष में 37 लोगों की जान और 151 लोग घायल हुए हैं। 19.45 लाख की धनराशि पीड़ितों को दे दी गयी है। कमिश्नर ने सम्बंधित विभाग को वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए प्लान बनाने के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने आगजनी घटनाओं को रोकने के लिए डीएफओ और जिलाधिकारियों से आपसी तालमेल के साथ कार्य करने की बात कही।

कमिश्नर ने कुमांऊ में जलजीवन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद अल्मोडा, चम्पावत समेत अन्य जिलों में जलजीवन मिशन के 122 कार्यों में प्रगति संतोषजनक नहीं होने पर शीघ्र ही जलजीवन मिशन के कार्यों की टीम बनाकर सप्ताहिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने मंडल की विभागीय समीक्षा बैठक में अनुपस्थित और प्रगतिशील कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों को आगामी सोमवार तक बेहतर रिपोर्ट के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए।

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उन्होंने कहा कि कार्य में वन विभाग की आपत्तियों के कारण देरी होने पर उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी से समन्वय कर कार्य करने के निर्देश दिये। ठेकेदार द्वारा जिन स्थानों पर कार्य नही किया जा रहा है उनके विरूद्व कार्यवाही की जाए। समीक्षा में 10 करोड़ से अधिक के कार्यो की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा जलजीवन मिशन में मुख्य मुद्दा ऊर्जा निगम में आवेदन के सम्बन्ध में आया। उन्होंने जलजीवन मिशन में जितने आवेदन किए गये हैं, उनकी सूचना यूपीसीएल को नहीं है इस सम्बन्ध में सोमवार को सम्बन्धित विभागों के साथ समीक्षा की जायेगी।

पुलिस और परिवहन विभाग को विशेषकर रात में संयुक्त परिवहन सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने बाहर से आकर बिना स्थानीय निकायों की अनुमति से व्यवसायी कर रहे लोगों के सत्यापन करने के निर्देश दिये।
डीआईजी डा योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अमतौर एन एच, स्टेट हाईवे और मुख्य सड़क मार्गों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का विस्तार से विश्लेषण किया जाए। जिससे सड़क दुर्घटनाओं का कारण पता कर उसके सुधार और उपचार पर कार्य किया जाए। सड़क सुरक्षा समिति द्वारा जिन सड़को पर क्रैश बैरियर, पैरापेट आदि सुरक्षात्मक उपाय हेतु सुझाव दिए गए उन पर विशेष रूप से प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए जिससे दुर्घटनाओं पर रोकथाम लगाई जा सके।

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बैठक में जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह, चंपावत नवनीत पाण्डे, बागेश्वर अनुराधा पाल, एम डी केएमवीएन डा. संदीप तिवारी, सीडीओ ऊधम सिंह नगर विशाल मिश्रा, अशोक पांडेय, आर सी तिवारी, अपर आयुक्त एन एस नगन्याल, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, पी आर चौहान, एसएसपी नैनीताल  पी.एन. मीणा, मंजूनाथ टीसी, आरटीओ संदीप सैनी, नंद किशोर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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