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गर्मियों के मौसम में छोटे बच्चों की देखभाल जरूरी! वायरल फीवर बच्चों के लिए बन सकता है मुसीबत

हल्द्वानी का सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है। जहां इन दिनों मरीजों की भीड़ लगी हुई है। रोज करीब 1500 से 2 हजार मरीजों ओपीडी हो रही है। वही बढ़ती गर्मी से वायरल फीवर कि मरीज सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। वही अगर हम छोटे बच्चों की बात करें तो इन दिनों गर्मी से बच्चों का हाल भी बुरा है, अस्पताल में बच्चे भी बहुताय संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

मई का महीना शुरु होने वाला है और गर्मी लगातार बढ़ रही है। टेंपरेचर में भी लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में अस्पताल में बच्चे काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। वायरल फीवर बच्चों के लिए मुसीबत बन सकता है। सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में 50 से 60 बच्चे रोज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

गर्मी ने कहर बरसाना शुरू कर दिया है। ऐसे में बड़ों के साथ-साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखने की बेहद जरूरत है। खासकर मई और जून की भीषण गर्मी से बच्चों को बचाना पैरेंट्स के लिए काफी मुश्किल टास्क होता है। दरअसल, छोटे बच्चे शारीरिक रूप से काफी नाजुक होते हैं। जिसके चलते गर्मी की चिलचिलाती धूप और जानलेवा लू बच्चों की सेहत के साथ-साथ उनकी नाजुक त्वचा को भी प्रभावित कर सकती है।

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वही सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एसएस बिष्ट बताते हैं कि बच्चों को बाहर की चीजें गर्मियों में बिल्कुल भी खाने के लिए ना दें और छोटी बच्चे ज्यादा आइसक्रीम खाने की जिद करते हैं, बच्चों को आइसक्रीम और बाहर की चीजें बिल्कुल खाने को ना दे, जितना ज्यादा हो सकता है उतना ज्यादा बच्चों को गर्मियों के मौसम में फल फ्रूट खिलाए जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सकें।

गर्मी के मौसम में बच्चों को क्या खिलाना चाहिए?

बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए उन्हें समर फ्रेंडली फूड खिलाएं. उनकी डाइट में खरबूजा, तरबूज, खीरा, बैरीज़, पाइन एप्पल और संतरे को किसी भर प्रकार से सम्मिलित कर दें।

एक दिन में बच्चों को कितना पानी पीना चाहिए

1 से 3 साल के बच्चे को 4 कप

4 से 8 साल के बच्चे को 6 कप

9 से 13 साल के बच्चे को 8 कप

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14 से 18 साल के बच्चे को 12 कप पानी पीना चाहिए.

क्या ग्लूकोज ड्रिंक्स आपके बच्चों को स्वस्थ रखते हैं

डॉ एसएस बिष्ट बताते हैं कि ग्लूकोज़ हमारे शरीर के लिए ज़रूरी है। रोटी से भी हमें ग्लूकोज की प्राप्ति होती है। इस बात का ख्याल रखना ज़रूरी है कि आप किस उम्र में कितनी मात्रा ग्लूकोज़ ले रहे हैं.बच्चे दिनभर खेलकूद करते हैं. ऐसे में वो अगर ग्लूकोज़ पेय पदार्थ लेते हैं, तो इससे उन्हें इसटेंट एनर्जी मिलती है। एथलीटस के लिए ग्लूकोज़ ज़रूरी है और उन्हें आसानी से पच भी जाता है। ऐसे में गर्मी के मौसम में ग्लूकोज़ बच्चे पी सकते है। मगर निर्धारित मात्रा से ज्यादा नहीं।

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