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नई दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली ने 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत के साथ बीजेपी को बहुमत दे दिया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से बीजेपी ने 48 और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 22 सीटें जीतीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है।
चुनाव के ऐलान के बाद सभी पार्टियां अपनी तैयारी में जुट गई थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दावे और वादों के साथ जनता के बीच गए। आम आदमी पार्टी को भरोसा था कि वो एक बार फिर सत्ता में काबिज होगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी दिल्ली में भारी जीत हासिल की।
दिलवालों की दिल्ली ने इस बार बीजेपी के लिए सियासी दुलार दिखाया है। 27 साल से चले आ रहे बीजेपी के सूखे को वोटों की बारिश से खत्म कर दिया है। वो भी ऐसी बारिश कि इसमें आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं की सियासी नाव डूब गई। अरविंद केजरीवाल जैसे दिग्गज नेता जो कभी कहते थे कि उन्हें हराने के लिए मोदी को अगला जन्म लेना पड़ेगा, उन्हें मोदी के सिपाही परवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 3 हजार 182 वोटों से हराया है।
वहीं इस सियासत के खेल में कांग्रेस का प्रदर्शन जहां से शुरू हुआ था वहीं आकर ठहर गया है। ये तीसरा चुनाव है जब कांग्रेस दिल्ली में जीरो पर ही सिमट गई है।