हल्द्वानी : डेंगू व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य सचिव, बंद आईसीयू को देख..खुली रह गई आंखे..देखें वीडियो…
हल्द्वानी- उत्तराखंड में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राज्य में मरीजों की संख्या 1000 को पार कर गई है। वहीं इस समय हल्द्वानी में 300 से ज्यादा मामले एक्टिव है। जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य सचिव भी देहरादून सचिवालय से निकल कर प्रदेश में के अलग-अलग अस्पतालों का जायजा लेने पहुंच रहे है। इसी के तहत स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार आज मंगलवार को हल्द्वानी पंहुचे। और यहां कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी और बेस अस्पताल का निरीक्षक किया। साथ ही उन्होंने डेंगू का इलाज किस तरह से हो रहा है वो भी मरीजो से जानकारी ली।
लेकिन खास बात यह है कि बेस अस्पताल में निरीक्षक के दौरान स्वास्थ्य सचिव की निगाह वहां बंद पड़े आईसीयू पर पड़ गई। जिसके बाद सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों से पूछा कि यह आईसीयू क्यों बंद है? आईसीयू में ताला क्यों लगा हुआ है!! जिस पर बेस की सीएमएस सटीक जवाब नहीं दे पाई। जिसके बाद सचिव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इन महंगी मशीनों से तैयार आईसीयू अगर आप नहीं चला रहे हैं तो मैं यह सारी मशीनें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दूंगा। स्वास्थ्य सचिव ने सीएमएस को सख्त निर्देश दिए कि इस आईसीयू को तुरंत चालू किया जाए। ताकि मरीजों को इसका फायदा मिल सकें।
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वहीं निरीक्षण दौरान सचिव ने चिकित्सा अधिकारियों को मनोयोग से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा आम जनमानस को सुचारू चिकित्सा उपचार मिल सके यही हमारी प्राथमिकता है। स्वास्थ्य सचिव ने डॉक्टरों से कहा कि मरीज को बेवजह प्लेटलेट्स ना चढ़ाई जाए और डेंगू के टेस्ट की रिपोर्ट में भी तेजी लाई जाए।
इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर भी स्वास्थ्य सचिव बेहद सख्त नजर आए। उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही मिलने पर स्वास्थ्य विभाग को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश के अंदर डेंगू के 307 एक्टिव केसेस है। और जिस तरह से मरीज बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों में उपचार की बेहतर व्यवस्थाएं करने में जुटा हुआ है।
स्वास्थ्य सचिव कुमार ने प्राचार्य डा.अरूण जोशी को निर्देश दिए की मरीज के बेड पर लगे मेडिसिन चार्ट में दिए जा रहे ट्रीटमेंट का नियमित रूप से अंकन कराया जाए। इसके उपरांत जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती डेंगू के मरीजों के हाल जाना। स्वास्थ्य सचिव कुमार ने कहा कि जच्चा-बच्चा वार्ड में विशेष रूप से ध्यान दिया जाए व वार्ड में सफाई का भी विशेष ध्यान दिया जाए।
स्वास्थ्य सचिव कुमार ने डेंगू उपचार के बाद अस्पताल से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके चंपावत निवासी विनोद सिंह से फोन में वार्ता कर स्वास्थ्य का हाल जाना और साथ ही सुशीला तिवारी चिकित्सालय की सुविधा के बारे में भी पूछताछ की। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य डा. अरूण जोशी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा.भागीरथी जोशी, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, डॉ. परमजीत सिंह, जनसंपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती व मेडिकल कॉलेज स्टाफ कर्मचारी उपस्थित थे।