हैरानी! सरकार को नहीं मिल रहे पुरस्कार देने लायक टीचर


देहरादून- राज्य के सरकारी स्कूलों के माध्यमिक स्तर के टीचर का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं है या फिर उनमें से ज्यादातर में अपने कार्यों को सामने लाकर पुरस्कार पाने की ललक नहीं रही। राज्य के प्रतिष्ठित शैलेश मटियानी उत्कृष्टता पुरस्कार में बेसिक और माध्यमिक टीचर्स के अंतर से इस तथ्य को बल मिल रहा है।
29 पुरस्कारों के लिए आए केवल 22 आवेदन, जांच के बाद इनमें भी कटौती होगी। पिछले कुछ साल से टीचर्स के राज्य के सबसे बड़े पुरस्कार में माध्यमिक टीचर की स्थिति काफी कमजोर है। बेसिक स्तर पर हर जिले से लगातार एक एक टीचर का चयन हो रहा है। वहीं माध्यमिक स्तर पर पांच से सात टीचर ही मिल रहे हैं। शैलेश मटियानी पुरस्कार में हर साल 29 पुरस्कार तय है। हर जिले से एक एक बेसिक और माध्यमिक का उत्कृष्ट टीचर। दो डायट और एक संस्कृत शिक्षा से। इस साल वर्ष 2024 के पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बार के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को केवल 22 टीचर्स के नाम के प्रस्ताव मिले हैं। जल्द ही इन टीचर्स को अपने कार्यों के प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया जाएगा। इस चयन प्रक्रिया में भी 22 नाम से कुछ नाम और कट जाएंगे। इन 22 टीचर्स में भी 13 बेसिक, और छह माध्यमिक के हैं।
इससे पहले वर्ष 2023 के पुरस्कार में बेसिक श्रेणी से 11 टीचर, जबकि माध्यमिक श्रेणी में केवल पांच को ही पुरस्कार मिला। वर्ष 2022 के पुरस्कार में बेसिक श्रेणी में दस टीचर पुरस्कार पाने में सफल रहे। जबकि माध्यमिक स्तर पर केवल छह का ही चयन हुआ। सात जिलों से कोई प्रस्ताव तक नहीं आया। माध्यामिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया जिला और मंडल स्तर पर चयन के बाद पुरस्कार के लिए अंतिम लिस्ट मुख्यालय को भेजी जाती है।