

ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में छिपे गद्दारों की भी धर पकड़ जारी है। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि एक अभियान में गुरदासपुर पुलिस ने संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के प्रयास को विफल कर दिया।
पुलिस महानिदेशक यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि 15 मई 2025 को विश्वसनीय खुफिया जानकारी से संकेत मिला कि सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित गोपनीय विवरण पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ साझा कर रहे थे। इस सूचना में पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की आवाजाही और प्रमुख रणनीतिक स्थान शामिल थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारी ने बताया कि उनके (संदिग्धों के) मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच से खुफिया जानकारी की पुष्टि हुई है। पुलिस टीम ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और आठ कारतूस भी बरामद किए हैं। यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला कि आरोपी आईएसआई में अपने आकाओं के सीधे संपर्क में थे और भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी।
इधर, जासूसी के आरोप में नूंह से झोलाछाप गिरफ्तार पाक उच्चायोग के दो कर्मियों पर भी केस दर्ज
गुरुग्राम। हरियाणा में नूंह पुलिस ने एक केंद्रीय एजेंसी के साथ संयुक्त अभियान में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि आरोपी की पहचान नूह जिले के कांगरका गांव निवासी मोहम्मद तारीफ के रूप में हुई है। तारीफ ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी को सिम कार्ड देने और पाकिस्तान जाने की बात कबूल की है। तारीफ और दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात दो पाकिस्तानी नागरिकों आसिफ बलूच और जफर के खिलाफ सदर तावडू थाने में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस को जानकारी मिली थी कि तारीफ लंबे समय से सेना और रक्षा तैयारियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेज रहा है। सामने आया कि उसके फोन में पाकिस्तानी नंबरों से हुई चैट, फोटो, वीडियो और सैन्य गतिविधियों से संबंधित तस्वीरें मौजूद थीं, जिन्हें उसने पाकिस्तान के एक फोन नंबर पर भेजा था। वह दो अलग-अलग सिम कार्ड के जरिए लगातार पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।