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मुकेश बोरा को जमानत..

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नैनीताल- लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा को नैनीताल हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। बोरा पर पाक्सो एक्ट एवं दुष्कर्म के आरोप हैं। न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की एकलपीठ ने शर्तों के अधीन जमानत देते हुए कहा कि आरोपित जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेगा। जब भी आवश्यक हो उपस्थित होगा।

हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता या उसकी नाबालिग बेटी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा। बिना न्यायालय की अनुमति के देश नहीं छोड़ सकेगा। यदि पासपोर्ट है, तो उसे न्यायालय के समक्ष जमा करना होगा।

बोरा के विरुद्ध सितंबर 2024 में महिला की ओर से लालकुआं थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। वर्तमान तक बोरा जेल में थे। पीड़िता के अनुसार वर्ष 2021 में वह नौकरी की तलाश में थी। इस दौरान उसने नैनीताल दुग्ध संघ लालकुआं में नौकरी पाने के लिए संघ अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा से संपर्क किया। बोरा ने उसे स्थायी नौकरी देने के लालच देकर 10 नवंबर 2021 को जायका होटल काठगोदाम बुलाया और वहां दुष्कर्म किया। इस घटना के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बना लिए। उसे धमकी दी कि यदि उसने इस घटना की जानकारी किसी को दी तो वह इसे प्रसारित कर देगा और उसकी अस्थायी नौकरी भी छीन लेगा।

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आरोप है कि 26 दिसंबर 2021 को फिर से होटल में बुलाकर दुष्कर्म किया। पीड़िता पर अपने दोस्तों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला लेकिन उसके मना करने पर बोरा के ड्राइवर कमल बेलवाल ने उसे जान से मारने की धमकी दी। यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता की नाबालिग बेटी के साथ ही छेड़छाड़ की। बुधवार को एकलपीठ के समक्ष

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मुकेश बोरा के वकील ने दलील दी कि इस मामले में प्राथमिकी अत्यधिक देरी से हुई है। कथित घटनाएं 2021 में हुईं लेकिन मामला सितंबर 2024 में दर्ज हुआ। पीड़िता ने अपने बयान में बार-बार बदलाव किया, जिससे मामले की सत्यता पर संदेह उत्पन्न होता है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बोरा को जमानत देने का निर्णय लिया।

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