न दूरी न परिवार, आज सिर्फ लोकतंत्र का ख्याल


मतदान हमारा मौलिक अधिकार होने के साथ कर्तव्य भी है। इस तंत्र को लोकतंत्र बनाए रखने के लिए हम अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभाते आ रहे हैं। तमाम सरकारी कोशिश के बाद भी नागरिक होने के बोध के साथ ही हम अपने इस अधिकार, दायित्व और जिम्मेदारी का इस्तेमाल मतदान के रूप में करते है तो आइए ऐसे लोगो से आपकी मुलाकात कराते है जो मतदान के लिए 400 से 500 किलोमीटर दूरी तय कर आए हैं। इसी कड़ी में हमारी मुलाकात हल्द्वानी के आवास विकास मतदान केंद्र में अपनी बारी का इंतजार कर रहे भूपेंद्र सिंह चुफाल से हुई। उन्होंने बताया की वह लखनऊ में नाबार्ड में डीडीएम के पद पर तैनात है, अभी वह काठगोदाम रेलवे स्टेशन से सीधे उतरकर मतदान केंद्र पहुंचे हैं। यहां वोट करने के बाद वह दिन की ट्रेन से आज ही के दिन लखनऊ लौट जायेंगे। उन्होंने इसके साथ ही लोगो से भी अपने मत के अधिकार का प्रयोग करने के लिए कहा। वहीं दूसरी लाइन में खड़ी देवकी पिलख्वाल ने बताया की वह पौड़ी गढ़वाल मे पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात हैं, वह आज सुबह ही पौड़ी से हल्द्वानी आई हैं। मतदान के बाद वह शनिवार सुबह ही पौड़ी लौट जाएंगी।
बच्चों को घर रख 300 किमी दूर मतदान के लिए हल्द्वानी आई महिला
पशु चिकित्सा अधिकारी देवकी देवी ने बताया की उनका 10 साल और 13 साल का एक लड़का और लड़की है। जिनके लिए वह खाने पीने की पूरी व्यवस्था कर आई है। उन्होंने कहा की वह शनिवार के बजाय आज ही शाम को निजी वाहन से पौड़ी लौटेंगी। उन्होंने लोगो से मतदान के लिए अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की। कहा की एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मतदान बेहद जरूरी है।