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प्रोफेसर रयाल बने मीडिया रिसर्च संगठन के अध्यक्ष! इन कामों को अंजाम देगा संगठन

हल्द्वानी। मीडिया अध्ययन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए एक संगठन का गठन किया गया है। मीडिया अध्ययन एवं अनुसंधान यानी मास नाम के संगठन की पहली बैठक बुधवार को हल्द्वानी में हुई। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार विपिन चंद्रा को उपाध्यक्ष और युवा पत्रकार सुमित जोशी को भी जिम्मेदारी दी गई। बैठक में ऑफलाइन और वर्चुअल माध्यम से प्रदेशभर से मीडिया संस्थानों के शिक्षक, बुद्धिजीवियों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया। संस्था के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए गुणवत्तापरक मीडिया शिक्षा, शोध के साथ ही समाज को जागरूक करने पर जोर दिया गया। साथ ही पत्रकारिता के विद्यार्थियों को निष्पक्ष पत्रकारिता और राष्ट्र हित में काम करने के लिए सही मार्ग दिखाने पर काम करने की बात प्रमुखता से उठाई गई। मास की बैठक में कार्यकारिणी का गठन करते हुए सर्वसम्मति से उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश चंद्र रयाल को अध्यक्ष चुना गया है। साथ ही आगामी बैठक में पूर्ण कार्यकारिणी गठन का फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के पहले मीडिया अध्ययन और अनुसंधान से जुड़े संगठन के अध्यक्ष डॉ. राकेश रयाल ने कहा कि मीडिया अकादमिकों और शोधार्थियों के संगठन की बेहद जरूरत है।

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मीडिया व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा है। डिजिटाइजेशन के दौर में नए आयाम जुड़ने से क्षेत्र का विस्तार हो गया है। इसलिए जरूरी है कि इस क्षेत्र में नए और उच्च गुणवत्ता वाले शोध किए जाएं, जिससे समाज के साथ ही नई शोधार्थियों को लाभ मिले। साथ ही मीडिया के प्रभाव को बेहतर बनाकर सरकार की सहायता से स्वरोजगार से लेकर रोजगार तक का सृजन किया जाए। इससे पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन के शोधार्थियों और विशेषज्ञों को नई दिशा मिलेगी। साथ ही इस क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा मिलेगा।


इस संगठन के माध्यम से सरकारी संस्थानों में पत्रकारिता एवं मीडिया जनसंचार के विशेषज्ञों के लिए जनसंपर्क अधिकारी के पदों को लेकर सुझाव दिया जाएगा। जिससे संबंधित विषय के बुद्धिजीवियों को रोजगार के के नए विकल्प मिले।

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इस दौरान उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर दीपिका नेगी ने भी अपने विचार पेश किए। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार मीडिया के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय पांडे, डीबीयूयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार मीडिया के विभागाध्यक्ष डॉ. चेतन भट्ट, कुमाऊं विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन के शोधार्थी सुनील भारती आदि मौजूद रहे।

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