दुनिया के कई देश सोशल मीडिया से हो रहे नुकसानों पर चिंतित हैं। वही इसको लेकर नियम-कानून भी ला रहे हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर बैन कर दिया है। इसके बाद अब जिम्बाब्वे की सरकार ने वॉट्सएप ग्रुप को लेकर एक नया कानून लाने की घोषणा की है। जिसके तहत सभी वॉट्सएप ग्रुप एडमिन को अपना वॉट्सएप ग्रुप चलाने के लिए फीस देकर लाइसेंस लेना होगा। साथ ही अपने ग्रुप को जिम्बाब्वे के पोस्ट और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (POTRAZ) के साथ रजिस्टर कराना होगा।
जिम्बाब्वे के इंफॉर्मेंशन, कम्युनिकेशन टेक्नोलजी, पोस्टल और कूरियर सर्विसेस मिनिस्टर (ICTPCS) टाटेंडा मावेटेरा ने कहा है कि वॉट्सएप ग्रुप चलाने के लिए लाइसेंस की न्यूनतम फीस 50 डॉलर (करीब 4200 रुपये) है। वहीं अधिकतम फीस 2500 डॉलर (2 लाख रुपए) तक हो सकती है। दरअसल, लाइसेंसिंग फीस वॉट्सएप ग्रुप के आधार पर तय होगी। साथ ही लाइसेंस पाने के लिए जरूरी प्रक्रिया के तहत ग्रुप एडमिन को पर्सनल इंफॉर्मेंशन देनी होगी।
रिपोर्ट अनुसार, नए वॉट्सऐप रेगुलेशन का मकसद गलत सूचना के प्रसार और अशांति फैलने की आशंका को रोकना है। साथ ही इसका उद्देश्य देश के डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के साथ तालमेल बिठाना भी है। एक्ट के अनुसार, पर्सनल इंफॉर्मेंशन वह जानकारी है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पहचान करने के लिए किया जा सकता है। वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन के पास ग्रुप के सदस्यों के फोन नंबर तक पहुंच होती है, यही वजह है कि सरकार के अनुसार वे DPA के अंतर्गत आते हैं। एक ओर सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस पहल को उचित माना जा रहा है। तो वहीं आलोचकों का तर्क है कि इससे ऑनलाइन संवाद बाधित हो सकता है।