उत्तराखण्डबड़ी-खबरहल्द्वानी

ठंडे इलाकों में उगने वाला यह लाल बहार फूल! लीवर, किडनी और कैंसर की बीमारी के लिए बेहद लाभदायक

पवन सिंह कुंवर, हल्द्वानी।

पहाड़ में पाए जाने वाले बुरांश के फूल के बारे में आप तो जानते ही होंगे और यह बुरांश का फूल बेहद सुंदर होने के साथ ही औषधिय से भी भरपूर है, आज हम इसके बारे में आपको बताएंगे। पहाड़ों और ठंडे इलाकों में उगने वाला उत्तराखंड के राज्य वृक्ष बुरांश पर लालिमा छानी शुरू हो गई है। पहाड़ों पर हल्की धूप के साथ गुनगुना मौसम शुरू होने के साथ ही बुरांश के पेड़ पर लाल लाल फूल आने लग गए हैं। यह बुरांश का वृक्ष उत्तराखंड का राज्य वृक्ष और कई औषधीय गुणों से निपुण है। बुरांश के पेड़ पर फूल आने के साथ ही पहाड़ों में गुनगुना मौसम और हरियाली आना शुरू हो जाती है।

उत्तराखंड के जंगलों में इस बार राज्य पुष्प बुरांश समय से पहले खिल चुका है। तो वहीं नैनीताल के आस पास के जंगलों में भी बुरांश के फूल दिखाई देने लगे हैं। लाल बुरांश के लदे पेड़ भी बेहद सुंदर नजर आ रहे हैं, बेहद सुंदर होने के साथ ही बुरांश में कई औषधीय गुण मौजूद हैं जो आपके स्वास्थ के लिए बेहद लाभदायक है। बुरांश के जूस का सेवन लीवर की बीमारियां, सूजन, ब्रोकाइटिस, गठिया के दर्द आदि बीमारियों के लिए रामबाण है।

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड: पत्नी के सामने पति को उठा ले गया बाघ! क्षेत्र में दहशत..

बुरांश के फूल का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन

बुरांश के फूल का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों को उगने वाला बुरांश उत्तराखंड का राज्य पुष्प और पड़ोसी देश नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प है। बुरांश के फूल को सेहत के लिए एक जादुई फूल माना जाता है। इसमें कई तरह के एंटी ऑक्साइड पाए जाते हैं जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। बुरांश के फूल का जूस बाजार में मिलता है इसके साथ ही बुरांश का स्क्वैश भी आसानी से बाजार में मिल जाता है। बुरांश का जूस लीवर की बीमारियों, गठिया के दर्द, सूजन और ब्रोकाइटिस रोग के लिए फायदेमंद हैं।

कैंसर की बीमारी में लाभदायक

बुरांश के फूल का जूस कैंसर की बीमारी में भी बेहद लाभदायक माना जाता है, इस फूल में मौजूद क्वेरसेटिन और रूटीन फ्लेवोनॉइड्स कैंसर से लड़ने के लिए कारगर है। बुरांश का फूल का जूस शरीर में इंसुलिन के असंतुलन को भी ठीक कर सकता है। बुरांश के जूस के सेवन दिल और दिल और लीवर से संबंधित बिमारियों के लिए बेहद लाभदायक है। इसका रोजाना एक ग्लास जूस का सेवन आपके शरीर को स्वस्थ रखेगा। लेकिन इस साल बुरांश का जल्दी खिलना ग्लोबल वार्मिंग समेत क्लाइमेट चेंज को दर्शाता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण हिमालय का तापमान भी बड़ रहा है।

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: मेयर प्रत्याशी ललित ने गजराज पर कसा व्यंग! बोले.. सर्टिफिकेट संदूक में छुपा के नहीं रखता..

आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में भी बुरांश का इस्तेमाल

बुरांश का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं के लिए किया जा रहा है। बुरांश में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में संक्रमण के उपचार के लिए भी बेहद लाभदायक है। इस साल बुरांश का फूल दो महीने पहले ही उत्तराखंड के जंगलों में खिल चुका है। बुरांश का समय से पहले ही खिल जाना चिंता का विषय भी है, इस साल बर्फबारी ना होने की वजह से बुरांश के फूलों के खिलने के लिए उपयुक्त तापमान पहले ही मिल चुका है। जिस वजह से दो माह पूर्व ही फूल खिल चुके हैं उन्होंने बताया कि आमतौर पर 15 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक बुरांश के फूल खिलते थे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
Ad