उत्तराखंड: दरिंदे पिता ने किया दो मासूम बेटियों और बेटे का यौन शोषक! 30 साल की सजा…


उत्तराखंड के चंपावत की पॉक्सो कोर्ट ने दो नाबालिग बेटियों तथा एक बेटे के साथ दुष्कर्म करने के दोषी कलयुगी पिता को 30 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) एक्ट के मामलों के न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने मंगलवार को दोषी पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी पिता नेपाल का नागरिक है।
जानकारी देते हुए सरकारी अधिवक्ता विद्याधर जोशी ने बुधवार को बताया कि तीनों बच्चों को इस जुर्माना राशि में से 40-40 हजार रुपये दिए जाएंगे। अपने ही पिता के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार हुए तीनों बच्चों की उम्र 15, 13 और 10 साल है। पुत्र सबसे छोटा है। दोषी के अक्सर शराब पीकर घर लौटने और मारपीट करने के कारण उसकी पत्नी उसे तथा बच्चों को छोड़कर चली गई थी। वह बच्चों के साथ अकेला रह रहा था। वह बार-बार उनका यौन उत्पीड़न करता और धमकी देता था कि इस बारे में किसी को बताने पर उन्हें जान से मार देगा।
अत्याचारों से बचने के लिए बेटियां घर से भाग निकलीं और पुलिस को बनबसा थाना क्षेत्र में मिलीं। पुलिस ने बच्चियों को उनके घर ले जाने की कोशिश की तो उन्होंने घर जाने से इनकार करते हुए बताया कि उनका पिता शराब के नशे में उनकी पिटाई करता है। पुलिस ने बच्चों को एक आश्रय गृह में पहुंचाया। वहां रहने के दौरान उन्होंने बनबसा इकाई की मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ की प्रभारी मंजू पांडेय को आप बीती सुनाई। अधिवक्ता जोशी ने बताया कि आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके दस वर्षीय पुत्र को हरिद्वार के आश्रय गृह भेज दिया गया।