उत्तराखंड: केदारनाथ-गौरीकुंड पहुंचे सरकार के उच्च अधिकारी! राहत बचाव कार्यों की ली अपडेट
रुद्रप्रयाग- केदारनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सीएम धामी के निर्देश पर स्तिथि का जायजा लेने सोमवार को सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज कुमार पांडेय, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय एवं सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
इसके बाद उन्होंने प्रभावित इलाकों एवं सड़कों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड तथा गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ पुनर्निर्माण के कार्यों के लिए समयबद्ध योजना बनाने को लेकर चर्चा की ताकि सभी कार्य तुरंत शुरू किए जा सकें।
उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क मार्ग को पुनर्स्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर तत्काल कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद उच्च अधिकारियों ने पैदल यात्रा को सात दिन में सुचारू करने को लेकर अधिकारियों के साथ विस्तृत कार्य योजना पर चर्चा की। इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
इस दौरान अधिकारियों ने सडक एवं पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए। हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए। पीडब्लूडी के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के पास मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा वाशआउट है। इन दोनों साइट्स पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा, इन्हें मिलाकर कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है।
इस दौरान अधिकारियों ने बड़े क्षतिग्रस्त सड़कों में निर्माण कार्य के लिए कम से कम पचास लोगों को तैनात करने तथा जिन सड़कों एवं स्थानों पर कम क्षति हुई है, वहां 10 लोग तैनात करने के निर्देश दिए। इसके अलावा पोकोलैंड को बड़ी साइट्स पर तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं नदी तथा नालों से हो रहे भूकटाव को रोकने के लिए चैनलाइजेशन के कार्य किए जाने के निर्देश अधिकारियों द्वारा दिए गए।
रेस्क्यू तथा खोज बचाव का कार्य लगातार जारी
सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बीती 31 जुलाई को अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग में कई क्षेत्रों पर रुके यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
सीएम धामी खुद इस अभियान की पल-पल की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उनके द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सीएम के निर्देशों के क्रम में 4 अगस्त को शाम 5:00 बजे तक केदारनाथ धाम से 138 लोगों को, भीमबली तथा लिंचोली से 2409 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को, इस प्रकार कुल 2622 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 567 लोगों को चौमासी-कालीमठ के रास्ते निकाला गया है तथा गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग के लिए लगभग 7185 लोगों को सकुशल निकाला गया है। इस प्रकार एक अगस्त से चार अगस्त तक करीब 10,374 लोगों को सकुशल निकाला गया है।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ मार्ग में लगातार घने बादल छाए रहने से रेस्क्यू कार्य में दिक्कत आ रही है, लेकिन सोमवार 5 जुलाई को सुबह मौसम साफ रहने के कारण एयर फोर्स ने चिनूक हैलीकॉप्टर से 2 चक्कर लगाकर 65 यात्रियों, MI-17 हैलीकॉप्टर ने 3 चक्कर लगाकर 61 यात्रियों तथा स्टेट हैली द्वारा 10 यात्रियों को, इस प्रकार सोमवार को कुल 136 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। जिसमें बीमार, बुजुर्ग व महिलायें शामिल है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सोमवार को लगभग 509 लोगों को केदारनाथ से लिंचौली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए 584 तथा चौमासी के रास्ते 172 यात्रियों को निकाला गया। इस प्रकार कुल 1401 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया।
पांच जुलाई शाम तक केदारनाथ धाम से 274 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2918 लोगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को इस प्रकार कुल 3267 लोगों को एयरलिफट किया गया है तथा गुप्तकाशी, चारधाम हैलीपेड, गौचर हेलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचौली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 739 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7769 लोगों को वापस लाया गया है। शाम 5 बजे तक कुल 11,775 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है।
अभी गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहाँ पर रहने वाले स्थानीय निवासीगण, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहें हैं। अभी तक भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। वर्तमान में लिंचौली में कोई यात्री शेष नहीं है।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में लगभग 50 यात्री स्वेच्छा से रुके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 50 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी है। जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं, सीएम द्वारा उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किए जाने के निर्देश दिए गए है।
सभी आवश्यक स्थानों पर खाद्य सामग्री की लगातार की जा रही है पर्याप्त आपूर्ति
वहीं सीएम धामी ने केदारनाथ यात्रामार्ग पर रूके हुए लोगों को खाने पीने तथा आश्रय की समुचित व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिये गए है, तथा सभी के लिए निःशुल्क खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। इस समय केदारनाथ में 15 से अधिक दिनों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध है,
भीमबली में 7 कुन्तल चावल, 2.50 कुन्तल आटा, 2.50 कुन्तल दाल, 7 Kg चायपत्ती पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफ्रूट आदि सामग्री 02.08.2024 से 03. 08.2024 तक हैलीकॉप्टर की मदद से पहुँचाई गयी है। इसी प्रकार चौमासी में दिनाँक 03. 08.2024 को 50 Kg आटा, 50 Kg चावल, 50 Kg आलू 5 Kg नमक, 10 Kg नमक, 10 Kg तेल, 10 Kg दाल, 30 Kg चीनी, 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुँचाई गयी है।
वहीं स्थानीय दुकानदारों, घोड़े खच्चर एवं डोली-पालकी संचालकों, खोज एवं बचाव कार्यों में लगी टीम के सदस्यों तथा विभिन्न निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के लिए भी फूड पैकेट्स की व्यवस्था की गई है।
खोज-बचाव कार्य में तेजी लाये जाने के लिए बढ़ायी गई मेल मानव शक्ति
सीएम धामी ने खोज बचाव तथा राहत कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिये गये हैं। सके निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गई है। तीन अगस्त तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे। चार अगस्त को इसमें और 278 लोगों को बढ़ाया गया है। चार अगस्त को खोज-बचाव तथा राहत कार्य में करीब 1166 लोग कार्य कर रहे हैं।
स्निफर डॉग की ली जा रही है मदद-
गौरीकुण्ड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर युद्ध स्तर पर खोज-बीन की जा रही है। खोज-बचाव कार्य में NDRF, SDRF, पुलिस, प्रशसन तथा यात्रा मैनेजमेण्ट टास्कफोर्स के लोगों को लगाया गया है। इनके द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है। इसके अलावा सेना, NDRF, SDRF के डॉग स्क्वायड को भी खोज-बचाव अभियान में शामिल किया गया है। सोमवार को युद्ध स्तर पर चलाये गये खोजबीन अभियान के दौरान गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ मार्ग के बीच मलबे में एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। शव की पहचान गौतम पुत्र संजय निवासी- जगाधरी, यमुनानगर, हरियाणा के रूप में हुई है। इस प्रकार 31 जुलाई से अभी तक गौरीकुण्ड केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 3 यात्रियों के शव बरामद हुए है।
जिन लोगों से उनके परिजनों का सम्पर्क नहीं हो पा रहा है उनकी खोजबीन के लिए चलाया जा रहा है विशेष अभियान
सीएम के निर्देश पर सभी लोगों से संपर्क किए जाने के निर्देश दिये गये हैं जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे सभी लोगों को कॉल कर सम्पर्क किया जा रहा है। तथा अधिकांश लोगों से सम्पर्क हो भी गया है।
बीती 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ, गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ गौरीकुण्ड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बंद हुई थी। इस कारण कुछ लोगों द्वारा इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी। दो अगस्त को केदारनाथ में Whats app के माध्यम से कॉल करने की सुविधा दी गई है। तीन अगस्त को गौरीकुण्ड में BSNL की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गई है। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस द्वारा ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। सोमवार पांच जुलाई को पुलिस द्वारा सम्पर्क किये जाने पर अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस द्वारा लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।
यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस हेतु जारी किये गये दूरभाष नम्बरों पर सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इसके लिए जारी किए गए हैं। हैल्प लाईन नं. लैंडलाइन नंबर-01364-233727, 297878, 297879, मोबाइल नंबर-7579257572, 8958757335, 7579104738
यदि अभी भी कुछ लोग ऐसे पाये जाते हैं जिनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो।
रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरांत स्वास्थ्य परीक्षण भी की व्यवस्था की गयी है
रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरान्त रेस्क्यू किये गये व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर समय पर समुचित इलाज किया जा सके, साथ ही एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा गौचर हैलीपेड में एक मेडिकल कैम्प भी लगाया गया है।