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उत्तराखंड: न्याय के देवता गोलज्यू के दरबार में पहुंचा हाईकोर्ट का मामला!

हल्द्वानी- उत्तराखंड हाईकोर्ट क्या नैनीताल से शिफ्ट होकर के देहरादून की तरफ जाएगा या फिर कहीं और बनेगा इसको लेकर के बड़ी अजीब सी स्थिति बनी हुई है। पिछले एक हफ्ते में हाईकोर्ट ने इस स्थिति को और अजीबोगरीब बना दिया है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ऋषिकेश के आईडीपीएल फैक्ट्री कैंपस में हाईकोर्ट की एक बेंच खोलने को मंजूरी दे दी या फैसला ले लिया।

जिस पर बखेड़ा खड़ा हो गया, उत्तराखंड बार काउंसिल से लेकर उत्तराखंड बार एसोसिएशन और विभिन्न जिलों के बार एसोसिएशन एक दूसरे के सामने आकर खड़े हो गए हैं। क्योंकि ऋषिकेश में बेंच ले जाने का हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबरदस्त तरीके से विरोध कर रही है।

लेकिन इस सबके बीच में हाईकोर्ट की तरफ से एक जनमत सर्वे कराया जा रहा है। जनमत सर्वे ऑनलाइन कराया जा रहा है। जिसके जरिए जनता से यह पूछा जा रहा है कि आखिर हाईकोर्ट को नैनीताल से कहां शिफ्ट किया जाए। जबकि इससे पहले चीफ जस्टिस रहे विपिन सांघी ने यह फैसला लिया था कि हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट कर हल्द्वानी के गौलापार में बनाया जाएगा। जिसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही मंजूरी दे चुके हैं।

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यह देखिए वीडियो…

लेकिन केंद्र के वन पर्यावरण मंत्रालय ने गौलापार कि उस जमीन को यह कहकर दूसरी जमीन तलाशने के लिए कहा था कि वहां पर ज्यादा पेड़ कट रहे हैं। इसलिए किसी ऐसी जगह को तलाशा जाए जहां पर कम पेड़ों को काटना हो यानी जहां पर पर्यावरण को कम नुकसान हो। साथ ही जो पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी है। उसने यह भी कहा था कि यह जो गौलापार में जमीन चयनित हुई है। इतनी जमीन न चयनित कर कम जमीन को चयन किया जाए। ताकि मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाकर के हाईकोर्ट को वहां पर शिफ्ट किया जा सके। लेकिन इस सबके बीच में हाईकोर्ट में बड़े बदलाव हुए जस्टिस विपिन सांघी रिटायर हो गए और जस्टिस रितु बाहरी नई चीज जस्टिस बन करके उत्तराखंड आई है और इस सब के बीच उन्होंने एक महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया।

इस फैसले को लेकर बड़ा विवाद हो गया। और अब तो इस फैसले के खिलाफ राज्य के आंदोलनकारी जो की कुमाऊं में रहते हैं वह भी मुखर हो गए हैं। राज्य आंदोलनकारी आज गुरुवार को इसे अन्यायपूर्ण फैसला बताते हुए भगवान गोलज्यू यानी जो कि उत्तराखंड के न्यायकारी देव माने जाते हैं। जिन्हें एक तरीके से उत्तराखंड का न्यायकारी देवता माना जाता है। उनकी अदालत में पहुंच गए और हल्द्वानी में गोलज्यू मंदिर में पहुंचकर यह अपील की, कि कुमाऊं से अगर हाईकोर्ट को शिफ्ट किया जाता है तो गोलज्यू ही इसका न्याय करें। हल्द्वानी के हीरानगर गोलज्यू मंदिर में एकत्र हो कर राज्य आंदोलनकारियों ने गोलज्यू के दरबार मे अर्जी लगाई।

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इस दौरान हुकुम सिंह कुंवर, जगमोहन चिलवाल, वृजमोहन सिजवाली, दीपक रौतेला, अनीता बर्गली, डॉ. केदार पलड़िया, बीना कुंवर, डॉ. बालम सिंह बिष्ट, भुवन तिवारी आदि राज्य आन्दोलनकारी मौजूद रहे।

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