कभी बीएसपी सुप्रीमो मायावती का करीबी रहा हल्द्वानी हिंसा का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक…यहां से लड़ा था सांसदी का चुनाव…


हल्द्वानी की बनभूलपुरा हिंसा का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक घटना के तेरह दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस लगातार उसकी खोज में जुटी हुई है। अकूत धन, दौलत और रसूख का मालिक, मलिक अपनी बड़ी पकड़ के लिए जाना जाता है। साथ ही राजनीतिक ईच्छा भी आज तक परवान नहीं चढ़ पाई है। अधूरी राजनीतिक ख्वाहिश लिए मलिक पुलिस और जनता की नजर में वांटेड है। कभी नैनीताल के नामी प्राइवेट स्कूल से पढ़े -लिखे मलिक ने हल्द्वानी से अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाई। यही नहीं वो बीएसपी सुप्रीमो मायावती का भी बेहद करीबी रहा। लेकिन इसके बावजूद वो राजनीति में सफल नहीं हो सका।
अब्दुल मलिक ने 1988-89 में हल्द्वानी नगर पालिका के चेयरमैन का चुनाव लड़ा। लेकिन उसके हाथ हार लगी। उस समय नवीन तिवारी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद मलिक ठेकेदारी में उतरा। वह रेलवे समेत कई सरकारी महकमों का A-केटेगरी का ठेकेदार है। लेकिन उसकी राजनैतिक आकांक्षाएं कम नहीं हुई। हल्द्वानी में राजनैतिक जड़ें जमती ना देख मलिक ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती से करीबी बनाई। उसने हाथी की सवारी के लिए अपनी राजनैतिक जमीन बदल दी। वह साल 2004 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा के फरीदाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। उसे 71,459 वोट मिले और लेकिन वह हार गया।
वहीं मलिक की पकड़ बीजेपी में भी बताई जाती है। शहर के पुराने जानकारों का मानना है कि मलिक की सिर्फ कांग्रेस, बसपा में ही नहीं बल्कि बीजेपी के राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व में भी जबरदस्त पकड़ है। राष्ट्रीय स्तर के एक वरिष्ठ नेता जब हल्द्वानी आए तो मलिक के घर पर ठहरे। इतना ही नहीं इन नेता के परिजन भी यहां ठहरते हैं। उसकी दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय तक पकड़ बताई जाती है।
