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गुलदार की खाल के साथ तस्कर गिरफ्तार!

एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने एक वन्य जीव तस्कर को गिरफ्तार किया है। एक सप्ताह के अन्दर वन्य जीवों की तस्करों के खिलाफ उत्तराखण्ड एसटीएफ ने फिर से की गयी बड़ी कार्यवाही के तहत जिला चम्पावत से दो लेपर्ड की खाल के साथ एक वन्य जीव तस्कर एसटीएफ के शिकंजे में आया है।

उत्तराखण्ड एसटीएफ एवं चम्पावत वन प्रभाग की संयुक्त कार्यवाही में देवीधुरा फॉरेस्ट रेंज चम्पावत से एक वन जीव तस्कर को दो लेपर्ड की खाल के साथ गिरफ्तारी किया है।

एसटीएफ व वन प्रभाग की टीमों द्वारा पूछताछ में अन्य कई और लोगों के भी अपराध में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

राज्य में वन्य जीव अंगो की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों की अवैध गतिविधियों और धरपकड़ के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय देहरादून ए. पी. अंशुमान द्वारा वन्य जीव जन्तुओं की तस्करी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश एसटीएफ को दिए गए हैं।

इसी के क्रम में उत्तराखण्ड एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि प्रभारी निरीक्षक एम.पी. सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ तथा चम्पावत वन प्रभाग की संयुक्त टीम द्वारा एक ज्वांइट ऑप्रेशन में शुक्रवार शाम कनवाड बैंड देवीधुरा वन रेंज क्षेत्र से एक वन्यजीव तस्कर आनंद गिरि पुत्र महेश गिरी निवासी सूनकोट सेलाखेत थाना मुक्तेश्वर जनपद नैनीताल को दो लेपर्ड की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार तस्कर लम्बे समय से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त था, एसटीएफ की इस कार्यवाही में मुख्य आरक्षी गोविन्द बिष्ट की विशेष भूमिका रही।

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एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि एसटीएफ द्वारा कल जनपद चम्पावत क्षेत्र में चम्पावत वन प्रभाग को साथ लेकर वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की गयी है। जिसमें 2 लेपर्ड स्किन के साथ एक शातिर वन्यजीव तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। वन्यजीव तस्करों का लम्बे समय से चम्पावत क्षेत्र से वन्यजीव अंगो की तस्करी करने का इनपुट एसटीएफ के पास आया था।जिसपर एसटीएफ की एक टीम को गोपनीय रुप से इस पर कार्यवाही करने हेतु लगाया गया था। कल जब ये तस्कर खालों को किसी बाहर की पार्टी को बेचने के लिए निकला तो टीम द्वारा कार्यवाही गिरफ्तार कर लिया गया। अभी आगे डिटेल इण्टेरोगेशन के बाद स्पष्ट हो पायेगा, कि पोचिंग कब कहाँ किस जंगल में किस तरह की गयी है, लेपर्ड जिसे वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है, पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध देवीधुरा फॉरेस्ट रेंज में वन्यजीव (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

एसएसपी एसटीएफ ने जनता से अपील की है कि वह वन्यजीवों की तस्करी करने वाले तस्करों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ उत्तराखण्ड (0135-2656202) से सम्पर्क करें। उत्तराखंड एसटीएफ आगे भी वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही करती रहेगी, ताकि सीधे-साधे व बेजुबान जानवरों के शिकार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

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‘प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चन्द्र काण्डपाल द्वारा बताया गया कि कल हमें उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा वन्यजीव तस्करी की सूचना प्राप्त होने हमारी देवीधुरा फॉरेस्ट रेंज की टीम ने उत्तराखण्ड एसटीएफ के साथ कार्यवाही कर एक व्यक्ति को दो लेपर्ड स्किन के साथ देवाधुरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया है जब वह इन खालों को बेचने की फिराक में जा रहा था, जिससे पूछताछ की जा रही है अभी प्रारम्भिक पूछताछ में इसके और भी साथियों की भूमिका सामने आयी है जिस पर आगे कार्यवाही की जायेगी। खालें 2-3 वर्ष पुरानी लग रही हैं। गिरफ्तार तस्कर के विरूद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9,39,42,49,50,51 में देवाधुरा रेंज में अभियोग पंजीकृत कराया गया है।

गिरफ्तार तस्कर- आनंद गिरि पुत्र महेश गिरी निवासी सूनकोट सेलाखेत थाना मुक्तेश्वर जनपद नैनीताल। उम्र 30 वर्ष।

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