देशभर गणेश चतुर्थी को धूमधाम से मनाया जा रहा है।श्रद्धालु घरों और पंडालों में विघ्नहर्ता गणेश की मूर्तियां स्थापित कर पूजा अर्चना कर रहे है। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के त्योहार का खास महत्व है। ये पर्व पूरे 10 दिनों तक बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है। इस दौरान विघ्नहर्ता भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है। ये पर्व विनायक चतुर्थी पर शुरू होता है और अनंत चतुर्थी पर समाप्त होता है। इस समय लोग अपने घर में विघ्नहर्ता बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी सच्चे मन से पूजा और भक्ति करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी की शुरुआत 6 सितंबर को दोपहर तीन बजकर एक मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा।
मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश जी की स्थापना के लिए सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन पूजा के लिए आपको पूरे 2 घंटे 31 मिनट का समय मिलेगा। इस साल अनंत चतुर्दशी का त्योहार 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन बप्पा की विदाई की जाती है।
ऐसे बप्पा भगवान गणेश को प्रसन्न
गणपति बप्पा मोरिया के भजन और जयकारों की गूंज शनिवार से शुरू हो गई है। आज घरों और पंडालों में गजानन विराजेंगे। इसके साथ ही गणपति महोत्सव की शुरुआत हो जाएगी।
घर में बप्पा के सामने फलाहार व्रत का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणपति को स्थापित करें। भगवान को गंगाजल से स्नान करवाएं, सिंदूर, चंदन का तिलक लगाएं, पीले फूलों की माला अर्पित करें। मोदक का भोग लगाएं, देसी घी का दीपक जलाएं। गणेशजी के मंत्रों का जाप करें, आरती के बाद प्रसाद बांट दें। शाम को फिर से गणेशजी की आरती करें और फिर भोग लगाएं। इसके बाद ही व्रत का पारण करें। इससे भगवान गणेश बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।