उत्तराखंड: प्रोफेसर से 47 लाख की ठगी करने वाला 12वीं पास गिरफ्तार! ऐसे देता था वारदात को अंजाम..
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जिला ऊधम सिंह नगर एसटीएफ पुलिस ने एक शातिर 12वीं पास साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। ठग ने कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल स्थित डीएसबी कैम्पस में तैनात इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. संजय घिल्डियाल को 18 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट बनाकर 47 लाख रुपये उड़ा लिए। एसटीएफ ने वारदात का 2 महीने बाद खुलासा करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया। बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट की घटना को विदेश में बैठकर ऑपरेट किया जा रहा था।
जानकारी देते हुए एसटीएफ पंतनगर के साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि डीएसबी परिसर के प्रोफेसर डॉ. संजय घिल्डियाल ने तहरीर दी थी कि 5 दिसंबर 2024 को उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उनके आधार कार्ड से लिए गए सिम कार्ड से अवैध लेन-देन होने की बात कही और मनी लॉड्रिग का मुकदमा दर्ज करने की बात कहकर उन्हें 18 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा।
इसके बाद उन्हें डरा-धमकाकर बैंक खातों से 47 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। जांच में सामने आया कि ठगी की गई रकम में से 15 लाख रुपये गोकुलपुरा थाना लोहामंडी, आगरा निवासी अमन कुशवाहा पुत्र विनोद कुशवाहा के बैंक खाते में आए थे। मंगलवार को लोकेशन मिलने पर टीम ने आरोपी को आगरा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की निशानदेही पर टीम ने घटना में इस्तेमाल एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड बरामद किया है। आरोपी ने करीब 6-7 साल पहले आगरा जिले के एक स्कूल से 12वीं पास की थी। इसके कुछ समय बाद वह साइबर ठगों के संपर्क में आ गया। बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट की घटना को विदेश में बैठकर ऑपरेट किया जा रहा था।
इधर, एसएसपी उत्तराखंड एसटीएफ नवनीत सिंह ने कहा कि यदि कोई अंजान व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी, वकील, न्यायिक अधिकारी बताए तो उसकी बातों पर भरोसा न करें। कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं कर सकती है। वित्तीय साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।