UTTARAKHAND: सरकार को मिला यूसीसी का ड्राफ्ट! शादी और हलाला को लेकर बड़े फैसले
देहरादून- उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में बनी समिति ने शुक्रवार को ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा। सीएम कैंप ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले हमने जनता से भारतीय जनता पार्टी के संकल्प के अनुरूप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। जिसे अब हम पूरा करने जा रहे हैं।
हालांकि 800 पेज के ड्राफ्ट में कौन-कौन सी बातें हैं ये मुख्यमंत्री ने साफ नहीं किया। लेकिन सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के मुताबिक कमेटी ने कई बड़े सुझाव सरकार को दिए हैं। जिन्हें सरकार बिल की शक्ल में 6 जनवरी को विधानसभा में पेश करेगी। जिसमें सबसे बड़ा नियम एक से ज्यादा शादी पर रोक, मुस्लिम धर्म में चले आ रहे हलाला पर रोक और तलाक से जुड़े नए नियम शामिल हैं।
बता दें कि सीएम धामी ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता कानून बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था। 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई।
समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल और समाजसेवी शमनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। समिति द्वारा दो उप समितियों का गठन भी किया गया। जिसमें से एक उपसमिति का कार्य संहिता का प्रारूप तैयार करने का था। दूसरी उपसमिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था। समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किए गए। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किए गए और प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों के साथ 14 जून 2023 को नई दिल्ली में चर्चा के साथ ही संवाद कार्यक्रम पूर्ण किया गया।