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नैनीताल: टिफिन टॉप का ट्रीटमेंट कराएंगी डीएम! वैज्ञानिक सलाह का इंतजार

उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल पर संकट लेकर आई है। नैनीताल की सबसे खूबसूरत पहाड़ी आयारपाटा में मौजूद टिफिन टॉप (दोरोथी सीट) भूस्खलन के कारण जमींदोज हो गया है। यानी अब नैनीताल आने वाले पर्यटक खूबसूरत टिफिन टॉप से नैनीताल की खूबसूरत झील और कुमाऊं के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों की खूबसूरती का मजा दोरोथी सीट से नहीं ले सकेंगे। पिछले कई सालों से इस टूरिस्ट स्पॉट पर खतरा मंडरा रहा था। साल 2020 में सबसे पहले टिफिन टॉप पर बड़ी-बड़ी दरारें देखी गई थी। जिसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हुए। तत्कालीन डीएम ने इलाके का दौरा किया। और भूगर्भ वैज्ञानिकों की मदद ने इस पहाड़ी के ट्रीटमेंट का दावा किया। लेकिन कोई ट्रीटमेंट नहीं किया गया। इसके बाद साल 2021 में भी जिला प्रशासन ने ट्रीटमेंट की बात की। लेकिन कोई ट्रीटमेंट नहीं हो सका।

हालांकि नैनीताल की वर्तमान डीएम वंदना इस मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं। उनके मुताबिक प्रशासन इस मामले को लेकर बेहद संवेदनशील है। पिछले वर्षों में इस इलाके के बारे में कुछ अच्छी संस्थाओं को सर्वे के लिए बुलाया गया था। और एक बार फिर भू वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है। पहाड़ी के बचाव के काम किए जाएंगे। ताकि ना तो जानमाल का नुकसान हो और ना ही पहाड़ी को। भूगर्भ वैज्ञानिकों की सलाह पर पहाड़ी के बचे हुए हिस्से का ट्रीटमेंट किया जाएगा।

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प्रेमियों ने जताई चिंता

टिफिन टॉप नाम का खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट इतिहास में दर्ज हो चुका है। मशहूर फोटोग्राफर अनूप साह और प्रदीप पांडे के मुताबिक उन्होंने इस खतरे की आशंका पहले ही जता दी थी। लेकिन इसे बचाने के गंभीर प्रयास नहीं होते। उन्होंने ना जाने कितनी यादगार तस्वीरें इस टिफिन टॉप से अपने कैमरे में कैद की होंगी उन्हें याद नहीं। टिफिन टॉप का मिट जाना इतिहास के पन्ने का मिट जाना है। इसके मिटने के लिए वो साफ तौर पर सरकारी लापवाही को जिम्मेदार मानते हैं।

आखिर क्यों खास था टिफिन टॉप?

टिफिन टॉप चोटी को नैनीताल को मुकुट भी कहा जाता था। क्योंकि यहां से नैनीताल के चारों ओर के दीदार हो जाते थे। समुद्र तल से 2290 मीटर ऊपर स्थित यह पहाड़ी फोटोग्राफरों और पर्यावरण प्रेमियों के सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र थी। नैनीताल घूमने आने वाले प्रेमी जोड़े और हनीमून कपल यहां आकर रोमांटिक पल बिताते थे। साथ ही हाइकिंग या ट्रैकिंग के शौकीन भी नैनीताल शहर से यहां तक ट्रैकिंग का आनंद लेते थे। नैनीताल वासियों के मन भी ये पहाड़ी ऐसी भाती थी कि कई लोग अपने लंच वाला टिफिन लेकर यहां पहुंच जाते। और देखते ही देखते ये सामान्य पहाड़ी टिफिन टॉप में बदल गई।

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एक अटूट प्रेम कहानी का हिस्सा था टिफिन टॉप!

टिफिन टॉप को नैनीताल के पुराने वाशिंदे डोरोथी सीट के नाम से पुकारते हैं। दरअसल डोरोथी एक ब्रिटिश सेना अधिकारी कर्नल जेपी केलेट की पत्नी थीं। डोरोथी जब अपने बच्चों से मिलने गई थी तब एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई गई। कर्नल केलेट ने अपनी पत्नी की याद में इस जगह पर एक पत्थर की बेंच बनवाई। अयारपाटा की ये सुंदर पहाड़ी की चोटी एक पति के अपनी पत्नी के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक थी।

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