उत्तराखंड: निकाय चुनाव बड़ा अपडेट.. आरक्षण के बाद पदों में हुआ बदलाव!


देहरादून- निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। चुनावों से पहले एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की अनुपूरक रिपोर्ट से मेयर, पालिका चेयरमैन व नगर पंचायत अध्यक्ष के पदों में बदलाव हो गया है। अब अक्टूबर में निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा ने यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंप दी है। रिपोर्ट के हिसाब से ही निकाय चुनाव होंगे।
जिसके बाद निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए सरकार जल्द अध्यादेश लाएगी। कैबिनेट की बैठक में इसका एक प्रस्ताव आ सकता है।
बता दें कि अनुपूरक रिपोर्ट आने के बाद अब राज्य में नौ के बजाए 11 नगर निगमों का आरक्षण तय हो गया है। इनमें मेयर का एक पद अनुसूचित जाति, 8 पद सामान्य और 2 पद ओबीसी के होंगे।
जबकि इससे पहले सामान्य के 6 पद थे। इसी प्रकार, नगर पालिकाओं में अब चेयरमैन के 41 के बजाए 45 पद होंगे। इनमें से अनुसूचित जाति के पद पूर्व की भांति 6 ही रहेंगे।
वहीं अनुसूचित जाति के 6, अनुसूचित जनजाति के एक पद होंग। अनुसूचित जनजाति का भी एक ही पद होगा। सामान्य वर्ग के पदों की संख्या 22 से बढ़कर 25 हो गई है। ओबीसी के पदों की संख्या भी 12 से बढ़कर 13 हो गए हैं। नगर पंचायतों में 45 के बजाए 46 पद होंगे। इनमें अनुसूचित जाति के 6, अनुसूचित जनजाति के एक पद होंगे। सामान्य पदों की संख्या 23 से बढ़कर 24 और ओबीसी के पदों की संख्या 16 से घटकर 15 हो गई है।
इस मौके पर सचिव शहरी विकास नितेश झा, सदस्य सचिव मनोज कुमार तिवारी और सुबोध बिजल्वाण मौजूद रहे।
2011 की जनगणना के हिसाब से हुए ओबीसी सर्वेक्षण में ओबीसी की आबादी का आंकड़ा भी बदल गया है। पूर्व की रिपोर्ट में नगर पालिका में ओबीसी की आबादी 28.10 थी, जो अब 28.78 प्रतिशत हो गई। नगर पंचायतों में ओबीसी की आबादी 38.97 से घटकर 38.83 प्रतिशत हो गई है। नगर निगमों में ओबीसी की आबादी 18.05 से घटकर 17.52 प्रतिशत हो गई है।
इससे पहले सरकार ने हाईकोर्ट में दिसंबर में निकाय चुनाव कराने का शपथ पत्र दिया है। जिसके मुताबिक नवम्बर में चुनाव कार्यक्रम घोषित हो सकते है।