उत्तराखंड: इन तीन ऑफिसर में से एक हो सकते है उत्तराखंड के नए DGP!

देहरादून- उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) पद पर नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने तीन नामों का पैनल भेज दिया है। इन तीन नामों में पिछले करीब 10 महीनों से डीजीपी का दायित्व निभा रहे अभिनव कुमार का नाम शामिल नहीं है।
इन तीन नामों को भेजा गया
पैनल में पहले नंबर पर 1995 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी दीपम सेठ का नाम है। दूसरे स्थान पर 1995 बैच के ही अधिकारी पीवीके प्रसाद और तीसरे स्थान पर 1997 बैच के आईपीएस अमित कुमार सिन्हा का नाम है।
शासन जल्द UPSC की सिफारिश का परीक्षण कर निर्णय लेगा। पिछले दो दिन से डीजीपी पद पर तीन नामों के पैनल की चर्चाएं हो रही थीं।
गृह विभाग के मुताबिक, UPSE ने तकनीकी आधार पर अभिनव कुमार का नाम पैनल में शामिल नहीं किया है। अभिनव का नाम उत्तर प्रदेश कैडर की सूची में शामिल है, जबकि वह राज्य बनने से पहले उत्तराखंड में कार्यरत थे और इसी राज्य को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने अभिनव कुमार के कैडर आवंटन संबंधी याचिका में उत्तराखंड में कार्य करते रहने का स्थगन आदेश दिया है।
इसी आधार पर अभिनव यहां सेवाएं दे रहे हैं। शासन यूपीएससी की अनुशंसा पर सम्यक परीक्षण और सभी विधिक पहलुओं पर विचार करते हुए आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगा।
बताते चलें कि 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार को पिछले साल 30 नवंबर को डीजीपी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह उस शिथिलता से हुआ था, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी। इसके तहत कहा गया था कि जहां डीजी रैंक के अधिकारी नहीं हैं, वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारी को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है। पिछले दिनों यूपीसीएससी ने नामों की समीक्षा कर तीन नामों का पैनल तैयार किया और इसका कार्यवृत्त उत्तराखंड सरकार को भेज दिया। नामों के पैनल में पहले स्थान पर रहे सेठ पांच साल की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी कर चुके हैं।